रात को शहर कितना खाली हो जाता है न!
लगता है सारे इसे अकेला छोड़ कहीं और चले गए है। रात भर जगाते है। कभी पुलिस के बैरिकेड लांघ जाएंगे तो कभी अपने ही फन्दे से फंसकर गिर जाएँगे।
तुम कुछ भी कर लो, शहर रात को फिर भी खाली लगेगा। क्यों?
क्योंकि कोई अपनी तन्हाई यूँ ही हाथ से जाने नही देता।
~ रवीश कुमार (इश्क में शहर होना)